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Tuesday, August 28, 2018

गणपति बापा के आठ स्वयभू अवतार कोन कोनसे है ???

गणपति बापा के आठ स्वयभू प्रतिमाएँ जिनको अष्टविनायक भी कहा जाता है और अष्टविनायक का मतलब है  "आठ गणपति "| ये आठ स्वयभू पवित्र मंदिर महाराष्ट्र में पुणे के समीप १०० किलोमीटर के अन्दर है , इन मंदिरो में विराजित गणेश की प्रतिमाएँ स्वयंभू मानी जाती हैं , इसका  उल्लेख पुराणों में किया गया है | ये  मंदिरो की यात्रा अष्टविनायक तीर्थ यात्रा के बारे में जानी जाती है।

 इन स्वयंभू मंदिरो के नाम इस प्रकार है

                                          पहला =मयूरेश्वर या मोरेश्वरमोरगाँव, पुणे


                                       दूसरा =सिद्धिविनायककरजत तहसील, अहमदनगर



                                         तीसरा  =बल्लालेश्वरपाली गाँव, रायगढ़


                                           चौथा  =वरदविनायककोल्हापुर, रायगढ़



                                           पाँचवा  =चिंतामणीथेऊर गाँव, पुणे


                                              छठा   =गिरिजात्मज अष्टविनायकलेण्याद्री गाँव, पुणे

 
                                            सातवा    =विघ्नेश्वर अष्टविनायकओझर,पुणे


                                               आठवा    =महागणपतिराजणगाँव,पुणे

Saturday, August 25, 2018

दोस्तों जो हम गले में माला पहनते है उसका उद्भव कैसे हुवा ???

दोस्तों लोग गले में अलग अलग प्रकार की माला पहनते है और उन माला का उद्भव कैसे हुवा .आवो आज हम जानते  है 



जब रावण माता सीता को ले जाते है तब भगवान राम माता सीता को वन में ढूंढते है तब उनकी मुलाकात श्री हनुमान जी से होती है और हनुमान जी श्री राम की मुलाकात सुग्रीव से करवाते है | और कहते है किष्किंधा बाली सुग्रीव की हत्या करना चाहते है अगर हम उनके प्राणो की रक्षा करे तो माता सीता को ढूंढने में सुग्रीव हमारी मदद करेंगे |

भगवान राम उनकी बात मान लेते है  और सुग्रीव को बाली  से युद्ध करने  के लिए चुनौती देने को कहते है  , सुग्रीव  किष्किंधा जाकर राजा बाली युद्ध के लिए ललकारते है, बाली और सुग्रीव दोनों युद्ध करते है और श्री राम अपने भाई लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ छिपकर बाली को मारने  की योजना  बनाते है , किन्तु बाली और सुग्रीव एक जैसे दिखने  के कारण श्री राम बाली को पहचान नहीं पाते और बाण नहीं चलाते  है  जिससे युद्ध में सुग्रीव को काफी चोट  लगती  है। फिर सुग्रीव श्री राम से कहते  है कि "आपने ऐसा क्यों किया बाली को मारा क्यों नहीं ?" तब श्री राम कहते है -"आप दोनों भाई एक जैसे दिखते है , मै युद्ध में बाली  को पहचान नहीं सका , इस कारण उस पैर बाण नहीं चलाया " तब श्री राम ने एक युक्ति सोची और सुग्रीव को एक फूलो की एक माली पहनाई और फिर से  बाली को युद्ध के लिए ललकारने को कहा।  सुग्रीव फिर से बाली को युद्ध के लिए ललकारने लगा तब बाली ने कहा "तुम कायर हो आज मै  तुम्हारा वध करके रहुगा ". ऐसा कहकर दोनों के बीच युद्ध शुरू हो जाता है , श्री राम भी बाली को अच्छी तरह पहचान सकते थे तब छिपकर बाली के ऊपर  बाण चला दिया और बाली जमींन  पैर गिर गया  .

इस तरह दोस्तों हम जो गले में माला पहनते  है उसका उद्धभव हुवा ,  अगर हम माला पहनते है  तो भगवान  अपने भगत को जल्दी पहचान लेते है .भगवान शिव के भगत रुद्राक्ष की माला  पहनते है और भगवान विष्णु के भगत तुलसी की माला पहनते है , जिससे  पता चल जाता है कोण किसका भगत है | 

Saturday, August 11, 2018

भगवान दत्त के गुरु कितने है और कोन है



दोस्तों , जीवन में गुरु की अपनी एक जगह होती है कहते है बिना गुरु के बिना ज्ञान प्रात नहीं कर सकते।  भगवान दत्त स्वय भगवान विष्णु के अवतार है वो गुरुओ के गुरु है फिर भी उन्होंने अपने जीवन में २४ गुरु बनाइये है।  वो कहते है जिससे जितना जितना ज्ञान मिलता है हमको उन गुणों को प्रदाता मानकर उन्हें अपना गुरु मानना  चाहिए.




इस तरह उन्होंने अपने २४गुरु बनाये है 
1 )पृथ्वी 
2 )जल 
3 )वायु 
4 )आकाश 
5 )चन्द्रमा 
6 )सूर्य 
7 )समुंद्र 
8 )अजगर 
9 )पतंगा 
10 )भोरा 
11 )मधुमखी 
12 )हाथी 
13 )मछ्ली 
14 )हिरण 
15)पिग्ला वेश्या 
16 )कबूतर 
17 )कुकरपक्षी 
18 )बालक 
19 )कुमारीकन्या 
20 )सर्फ 
21 )सरकृत या तीर बनाने वाला 
22 )मकड़ी 
23 )भृंगी कीड़ा 
24 ) अग्नि