दोस्तों , जीवन में गुरु की अपनी एक जगह होती है कहते है बिना गुरु के बिना ज्ञान प्रात नहीं कर सकते। भगवान दत्त स्वय भगवान विष्णु के अवतार है वो गुरुओ के गुरु है फिर भी उन्होंने अपने जीवन में २४ गुरु बनाइये है। वो कहते है जिससे जितना जितना ज्ञान मिलता है हमको उन गुणों को प्रदाता मानकर उन्हें अपना गुरु मानना चाहिए.
इस तरह उन्होंने अपने २४गुरु बनाये है
1 )पृथ्वी
2 )जल
3 )वायु
4 )आकाश
5 )चन्द्रमा
6 )सूर्य
7 )समुंद्र
8 )अजगर
9 )पतंगा
10 )भोरा
11 )मधुमखी
12 )हाथी
13 )मछ्ली
14 )हिरण
15)पिग्ला वेश्या
16 )कबूतर
17 )कुकरपक्षी
18 )बालक
19 )कुमारीकन्या
20 )सर्फ
21 )सरकृत या तीर बनाने वाला
22 )मकड़ी
23 )भृंगी कीड़ा
24 ) अग्नि
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